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अक्तूबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मन में खुशियों की महफिल सजने लगी है-हिंदी शायरी

मन में खुशियों की महफिल सजने लगी है जिंदगी धीरे धीरे सवरने लगी है असलियत के पहचान से अनजान था मेरी रूह हर कशिश समझने लगी है Shayari, koi apna banane ki koshish kare.................. कोई अपना बनाने की कोशिश करें हम इतराने में कसर क्यों रखें हर तरफ तारीफ होने लगे फिर मन आसमां तक क्यों न उड़े Shayari, Intezar karne se Waqt nikal jaega............. धीरे धीरे चलने वाला मंजिल तक पहुंच जाएगा ठहर कर इंतजार करने से वक्त निकल जाएगा फिर  अपने किए पर  पछताओगे तुम्हारे द्वार  अवसर  न लौट पाएगा Khamoshiyo ka Jahar Peene Laga Hu....... शायरी खामोशियों का जहर पीने लगा हूं मैं आजकल घुट घुट के जीने लगा हूं मुझे पता है जो दर्द का बयां किया मेरे जख्मों में  तकलीफ  दोगे

इस बात का अफसोस रह गया-shayari

इस बात का अफसोस रह गया उनके एहसान का कर्ज मेरे पास रह गया सादगी का कीमत हर हाल में चुकाना था फूटी किस्मत की वजह से उदास रह गया मिलन की आस रखता हूं तुम्हारे प्यार की प्यास रखता हूं मुझे वादों पर भरोसा है हर रोज किस्मत बदलने का इंतजार करता हूं ऊपर से दिखावे के लिए वफा अंदर से गलत विचार रखती हो दोहरी चाल से हैरान हूं क्यों ऐसा दुर्व्यवहार करती हो भूल बस कोई खता हुई है तो सजा चाहता हूं अपने हिसाब से निर्दोष हूं तुमसे बदले में वफा चाहता हूं

मेरे आंखों में नमी है-shayari

मेरे आंखों में नमी है तुम्हारे वफा की कमी है अपनी मुकद्दर से उदास रहता हूं वादों की दहलीज जर्जर हो गई है आजकल आंसुओं से भीगी ख्वाहिशों की जमी है उसके मासूम चेहरे में हजारों गुस्ताखियां छुपी है फिर भी अपना दिल हार गया हूं जिंदगी की कश्ती तल्ख़ियां बातों की जद्दोजहद तुम्हारे संग उम्र गुजारने को मान गया हूं मेरे दिल को आराम आएगा उनकी तरफ से प्यार का फरमान आएगा इंतजार में बर्बाद हो जाएंगे जो देरी से इजहार आएगा खोल दो पर्दे दीदार करना है काफी जुगत के बाद हमसफर बन गई हो मुझे प्यार करना है

हर लम्हा-shayari

हर लम्हा तुम्हारी यादों में जीना मुहाल हो गया है बेपरवाह कब तक रहोगी मेरे हालात की हकीकत से नजरअंदाज क्यों किए जा रही हो मेरे मन में सवाल उठ रहा है बेशक अपने दिल से बेदखल कर दो प्यार करते रहेंगे यह सच्ची मोहब्बत है भुला नहीं सकते एकतरफा प्यार में यूं ही जलते रहेंगे तुम्हारे वादे टूटने लगे हैं वफ़ा पर सवाल उठने लगे हैं कमजोर मेरे विश्वास की दहलीज हो गई है आंखों से आंसू छूटने लगे हैं मायूसी से निकलने का रास्ता चाहता हूं जिंदगी में खुशियों का वास्ता चाहता हूं

तुम्हारे प्यार में-shayari sangrah

तुम्हारे प्यार में मन बेखुद हो गया है चाहतों का कर्ज कैसे चुकाऊंगा मूल से ज्यादा सूद हो गया है मेरे जिंदगी में किसी दूसरे का आना अवरुद्ध हो गया है एहसान हद से ज्यादा किया है मुकाबिल नहीं था जो हक दिया है यह खुशियों का पल अच्छे से जीना चाहता हूं मुझको अपने वादों से ज्यादा प्यार दिया है खूबसूरत अदाओं का जलवा देख कर मन मोहित हुआ है दिल कहने लगा है इधर उधर भटकना छोड़ दूं कह दूं हर बातें कुछ भी सोचना समझना छोड़ दूं तुम्हें हर कोशिश पाना चाहता हूं अपनी मीठी बातों से मन लुभाना चाहता हूं जानता हूं मेरे लिए सही हो तुम्हारे प्यार से उम्र भर मुस्कुराना चाहता हूं