मेरे आंखों में नमी है तुम्हारे वफा की कमी है अपनी मुकद्दर से उदास रहता हूं वादों की दहलीज जर्जर हो गई है आजकल आंसुओं से भीगी ख्वाहिशों की जमी है
उसके मासूम चेहरे में हजारों गुस्ताखियां छुपी है फिर भी अपना दिल हार गया हूं जिंदगी की कश्ती तल्ख़ियां बातों की जद्दोजहद तुम्हारे संग उम्र गुजारने को मान गया हूं
मेरे दिल को आराम आएगा उनकी तरफ से प्यार का फरमान आएगा इंतजार में बर्बाद हो जाएंगे जो देरी से इजहार आएगा
खोल दो पर्दे दीदार करना है काफी जुगत के बाद हमसफर बन गई हो मुझे प्यार करना है