तुम्हारे प्यार में मन बेखुद हो गया है चाहतों का कर्ज कैसे चुकाऊंगा मूल से ज्यादा सूद हो गया है मेरे जिंदगी में किसी दूसरे का आना अवरुद्ध हो गया है
एहसान हद से ज्यादा किया है मुकाबिल नहीं था जो हक दिया है यह खुशियों का पल अच्छे से जीना चाहता हूं मुझको अपने वादों से ज्यादा प्यार दिया है
खूबसूरत अदाओं का जलवा देख कर मन मोहित हुआ है दिल कहने लगा है इधर उधर भटकना छोड़ दूं कह दूं हर बातें कुछ भी सोचना समझना छोड़ दूं
तुम्हें हर कोशिश पाना चाहता हूं अपनी मीठी बातों से मन लुभाना चाहता हूं जानता हूं मेरे लिए सही हो तुम्हारे प्यार से उम्र भर मुस्कुराना चाहता हूं